नवशिशु की मालिश पर काफी वादा-विवाद है आज कल करे या ना करे ??
तेल मालिश को अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ा गया है , तेल को त्वचा पर रगड़ा जाता है इस उम्मीद्द के साथ कि यह शरीर के अंदर जाकर हड्डिया मजबूत कर देगा।परंतु तेल त्वचा के रास्ते अंदर नहीं जा सकता। अगर अंदर जा सकता तो अंदर के दृव्य भी बाहर निकल पड़ते। हड्डी अच्छे खान पान और कसरत से मज़बूत होती है ना कि मालिश से।
मालिश का बस इतना ही लाभ है – अगर मालिश माँ की ममता के साथ हल्के हाथ से की जाए तो बच्चे को प्यार का अनुभव होता है; यह अनुभव स्वास्थ्य लाभ अवश्य देता है; और त्वचा के ऊपर लगा हुआ तेल त्वचा से उसका पानी को evaporate होने से रोकता है जिससे त्वचा ठंडी नहीं पड़ती और मुलायम बनी रहती है।
तेल कौन सा इस्तेमाल करे ? भगवान का बनाया हुआ – तिल, सरसो , नारियल , ओलिव आयल या घर का देसी घी।
अन्य ब्रांडेड और बाजारू तेल या औषध युक्त तेल एलर्जी कर सकते है।
नाक कान में तेल डालना बिलकुल उचित नहीं। अंदर कोई मशीन नहीं चल रही है।
प्रचिलित ब्रांडेड तेल मिनरल आयल होते हैं जो की मोबाइल आयल की तरह पेट्रोलियम प्रोडक्ट हैं। इनका उपयोग उचित नहीं है। एलर्जी की सम्भावना भी ज्यादा होती है।